आज मैं आप सभी को अपनी पहली चुदाई की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जो मैंने अपने पडोश वाली भाभी को चोदकर कर की थी। अपनी इस चुदाई की कहानी सुनाने से पहले मैं आप सभी को अपने बारे में बता दूँ।
मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र लगभग 18 साल। मैंने देखने में मैं स्मार्ट तो हूँ ही लेकिन मैं बहुत शर्मीला भी जिसके कारण मैं किसी भी लड़की से ठीक से बात नही कर पाता हूँ। लेकिन फिर भी लड़कियां मुझसे बात करना चाहती लेकिन मैं उनसे हमेशा भगा करता हूँ इसलिए मुझे किसी लड़की की चूत नही मिली थी।

मैंने बहुत से कहानियां पढ़ी जिसकी वजह से मेरे दिमाग में भी चुदाई का भूत सवार होने लगा। कॉलेज में मुझे एक लड़की बहुत पसंद थी उसका नाम कोमल था। मैं हमेशा उसको देखते हुए उसके बारे में सोचता था अगर ये मुझे मिल जाये तो मज़ा आ जाये। मैं उकी चूची और उसके चहरे का दीवाना था क्योकि वो बहुत ही हॉट और सेक्सी थी। उसके बारे में सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था। एक दिन मैंने उसको प्रपोस कर दिया और उसने मुझे एक थप्पड़ मर कर मुझसे कहा – तुम्हे क्या लगता है तुम स्मार्ट हो तो कोई भी तुमसे पट जायेगा। ऐसा मत सोचो मैं केवल उसी लड़के से प्यार करुंगी जो मुझसे स्मार्ट होगा।
उस दिन के बाद मैंने किसी भी लड़की से बात भी नही की क्योकि मैंने सोच लिया था की सारी लडकियां एक जैसी होती है। लेकिन मैंने अपने मचलते हुए दिमाग को नही रोक पा रहा था। मैं चुदाई की कहानियां पढ़ पढ़ कर मुठ मारा करता था।
दोस्तों कुछ महीने पहले की बात है मेरी छुट्टियाँ चल रही थी। और मैं हमेशा अपने घर के ऊपर वाले कमरे में ही रहता था, मेरे घर के बगल एक घर था जो की दुसरे कास्ट के थे लेकिन मैं उन्हें भैया कहता था। उनकी बीवी बहुत ही हॉट थी। वो थोडा मोती थी लेकिन मुझे मोटे लोग बहुत पसंद है। जब मैं अपने ऊपर वाले कमरे में रहता था तो मैंने खिड़की को खोल देता था जिससे उनका घर दिखता था। भाभी जी को देखने के बाद मेरे अंदर के अरमान बाहर निकालें लगते थे। भाभी भी ऊपर वाले कमरे में ही रहती थी। पहले तो मेरे मन में उनके बारे में कोई भी गन्दी सोच नही थी।
लेकिन एक दिन मैंने अपने कमरे में बैठ हुआ था और मेरी नजर अचानक भाभी के घर पर पड़ी तो मैंने देखा वो नाहा कर आई थी और केवल ब्रा और पैंटी में थी उनको उनको देखने के बाद तो मेरा लंड तो 120 अंश के कोण पर खड़ा हो गया मैं अपने लंड को सहलाते हुए भाभी को देखते हुए मुठ मरने लगा। और फिर मैंने सोचा अगर इनकी चूत मिल जाये तो मज़ा आ जाये। इसलिए मैं रोज वहीँ बैठ कर उनको लाइन देने लगा। कुछ दिन बाद मैंने देखा वो भी अपनी खिड़की के किनारे बैठी रहती है और मुझे देखा करती है। मुझे लगा कि ये मुझे लाइन दे रही है लेकिन मैंने सोचा अगर मैंने कुछ कहा तो हो सकता है दिक्कत हो जाये इसलिए मैंने कुछ दिन और वेट किया। जब मैं कुछ दिन देखता ही रहा तो बगल वाली भाभी ने एक दिन खुद ही मुझे हाथ दिखया और हाथ की उँगलियों से मुझे अपना नंबर बताया। मैंने फोन किया और फिर कहा – कुछ देर बात की और फिर कुछ देर बाद जब मैंने उनसे कहा आपको देख कर लगता है आप मुझे पसंद करती है। तो भाभी ने कहा – तुमसे ये किसने कहा। और हाँ मुझे लगता है तुम मुझे पसंद करते हो दिन भर यही बैठे रहते हो।
मैंने उनसे कहा – आप हो ही इतनी सुंदर की कोई भी आप को पसंद कर लेगा। तो भाभी मुझसे हस्ते हुए- तो इसका मतलब तुम मुझे पसंद करते हो।
फिर उसके बाद मैं बगल वाली भाभी से रोज बातें करने लगा। जब मैं उनसे बातें करता तो मेरा लंड खड़ा रहता। मैं उनसे इतनी गन्दी बातें करता कि उनकी चूत भी गीली हो जाती थी। एक दिन मैंने उनसे कहा – मैं आप के घर आ सकता हूँ जब भैया न रहे तो भाभी ने कहा – हाँ क्यों नही कोई घर पर रहता तो है नही और मैं भी चाहती हूँ कोई मेरे पास आये और मेरे साथ समय बिताये। मैंने उनसे कहा – मेरा मन आप को बिना कपड़ो के देखने का मन कर रहा है मैं आऊ तो आप मेरे सामने बिना कपड़ो के आओगी।
भाभी ने कहा – बहुत शरारती हो तुम कहीं तुम मेरे साथ सेक्स तो नही करना चाहते हो। मैंने उनसे कहा – मन तो कर रहा है लेकिन अगर आप कहेंगी तो नही करूँगा। तो भाभी ने मुझसे कहा – नही मैं तो चाहती ही हूँ की तुम मेरे साथ सेक्स करो।
उनकी बात सुनकर मैं खुश हो गया और मैंने उनसे पूछा – कब आना है आप के घर??
भाभी ने कहा – अगर आज ही आ जाओ मैं तो कब से मचल रही हूँ तुम्हारे लंड को खाने के लिए।
उनकी बात सुनकर मैंने कुछ देर बाद उनके घर गया और मैं सीधे उनके बेडरूम में घुस गया। वहां पहुँचने के बाद पहले तो मैंने भाभी से बहुत देर तक सेक्स भरी प्यारी बातें की और फी कुछ देर बाद जब मैंने अपने मूड में आने लगा तो मैंने अपने हाथ की उंगलियो को भाभी के हाथ जे उंगलियो में फसाते हुए मैंने उनके हाथो को चूमना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद मैंने उनके हाथ को चुमते हुए मैंने उनके हाथ से उनके कंधे की तरफ बढ़ने लगा और कुछ देर बाद मैंने उनके गाल को काटते हुए मैंने उनके होठ को अपने मुह में ले लिया और उनके होठ को मैंने जोश में चुमते हुए मई उनके होठ को पीने लगा। पहले कुछ देर भाभी ने केवल मुझे अपने होठो को पीने दे रही थी लेकिन कुछ देर बाद जब उन्होंने मेरे होठ को पीना शुरू किया तो मुझे होठ पीने का मौका ही नही दे रही थी। तब मुझे पता चला भाभी तो बहुत ही जोशीली है।
वो मेरे होठ को बड़े जोश में पी रही थी और मैंने भी उनके होठ को पी रहा था लेकिन कुछ देर बाद भाभी ने मेरे हाथो को पकड कर अपने चूची पर रख दिया और मुझसे अपने दूध को दबवाने लगी। मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था क्योकि ये मेरे पहला बार था। इससे पहले मैंने कभी किसी की चूची को अपने हाथ में नही लिया था। उनकी चूची बहुत ही मुलायम थी और उनको दबाने से मैं धीरे धीरे मदहोश होने लगा और भाभी के होठ को मैं जोर जोर से पीते हुए उनके होत को अपने दांतों से खीचने लगा जिससे भाभी भी मचलने लगी और मुझे बेड पर धकेल कर अपनी साडी को खोलने लगी।
कुछ देर बाद उन्होंने अपनी साडी निकाल कर अपने ब्लाउस और पेटीकोट को भी निकाल दिया और मेरे सामने ब्रा और पैंटी में खड़ी हो गई। उनको देखने के बद मैंने अपने आप को रोक नही पाया और बहभी मैंने बेड पर ही बुला लिया और उनको अपने गोदी में बैठा कर मैंने अपने मुह को उनके ब्रा में लगाकर उनके ब्रा को चूमने लगा और कुछ देर बाद मैंने उनके ब्रा को निकाल दिया और उनकी मुलायम और कमसिन चूची को अपने हाथ से सहलाते हुए उनकी चूची के निप्पल को मैं धीरे धीरे दबाते हुए उनकी चूची को दबाने लगा और कुछ देर बाद मैंने उनकी चूची को तो दोनों हाथो से मसलते हुए खीचने लगा जिससे भाभी सिसकने लगी।
कुछ देर बाद मैंने उनके मम्मी को दबाते हुए पीने लगा। मैं उनके स्तन को जानवर की तरह से पी रहा था ओर उनकी चूची को जोर जोर से दबा भी रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई छोटा बच्चा हूँ और मैं दूध पी रहा हूँ। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था भाभी के दूध को पी कर और उनकी भी काफी मज़ा आ रहा था।
बहुत देर तक उनकी चूची को पीने के बाद मैंने उनकी कमर को पीते हुए उनकी चूत की तरफ बढ़ने लगा और और उनकी नाभि को पीते हुए मैं भाभी की चूत तक पहुँच गया। मैंने उनकी पैंटी को के ऊपर से उनकी चूत स्पर्श करते हुए उनकी चूत का मज़ा ले रहा था। फिर मैंने उनकी चूत को देखने के लिए मैंने जल्दी से उनकी पैंटी को निकाल दिया और फिर उनकी चूत को बड़े प्यार से छूने लगा क्योकि मैंने इससे पहले कभी भी रियल में चूत नही देखा था।
कुछ देर उनकी चूत को छूने के बाद मैंने अपने लंड को निकाला और फिर उनकी चूत में लगाने लगा और मैंने उनको चोदने वाला था उससे पहले ही उन्होंने मुझसे कहा – इतनी भी क्या जल्दी है पहले मुझे अपने लंड को चुसाओ। तो मैंने उनसे कहा – भाभी मैं आज बहुत जोश में हूँ मुझे मत रोको आज मुझे पहले चुदाई करने दीजिये बाद मैंने मैं आप को अपने लंड को चूसा दूंगा। भाभी मेरी बात मान गई और मुझसे चोदने के लिये कहा।
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत में लगाकर पहले धीरे से डरते हुए अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया और फिर मैंने उनको चोदना शूरू किया। कुछ देर धीरे धीरे चोदने से भाभी ने कहा – ये कैसे चुदाई कर हरे हो तुम मुझे तो जरा भी मज़ा नही आ रहा है। उनकी बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसकी जोश में उनकी चुदाई करनी शुरू की। कुछ देर लगातार चोदने से भाभी की चूत कुछ देर में गीली हो गई और मैंने लंड को भी चिकना कर दिया जिससे मेरे लंड भाभी की चूत के अंदर सट …सट सट….. अंदर बाहर होने लगा था और मुझे उनकी चुदाई करने में मज़ा भी आने लगा था। लेकिन जब कुछ देर बाद मैं उनकी चुदाई को गंभीरता से उनकी चूत को चोदते हुए अपने लंड को बार बार उनकी चूत में दाल रहा था और निकाल रहा था जिससे भाभी की चूत फ़ैल जाती और जब मेरा लंड बाहर निकालता तो फिर से सिकुड़ जाती थी जिससे भाभी पहले धीरे धीरे सिसकने लगी थी लेकिन कुछ देर बाद जब मैंने उनकी चुदाई तूफान की तरह से करने लगा तो भाभी अपनि चूची को दबाते हुए जोर जोर से …. “…..मम्मी…..मम्मी……उंह उंह उंह ह…. हूँ…..मम्मी…..मम्मी … हा हा हा… ओ हो हो…. आ.. आऊ…हमममम अहह्ह्ह्हह….. ..ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई….अई..अई…मम्मी… आराम से आराम से चोदो ना मेरी चूत फटी जा रही है….कह कर चीखने लगी थी। लेकिन मैं अपनी पहली चुदाई की आग में भाभी की चूत को फाड़ते हुए उन्ह्की चुदाई कर रहा था। लेकिन कुछ ही देर में मैं झड़ने वाला था इसलिए मैंने जल्दी से उनकी चूत से पाने लंड को निकाल लिया और उनके पेट की तरफ अपने लंड को करके मुठ मरने लगा और कुच देर बाद मैंने अपने माल को भाभी के पेट पर गिरा दिया।
मैं अहमदाबाद का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र लगभग 18 साल। मैंने देखने में मैं स्मार्ट तो हूँ ही लेकिन मैं बहुत शर्मीला भी जिसके कारण मैं किसी भी लड़की से ठीक से बात नही कर पाता हूँ। लेकिन फिर भी लड़कियां मुझसे बात करना चाहती लेकिन मैं उनसे हमेशा भगा करता हूँ इसलिए मुझे किसी लड़की की चूत नही मिली थी।

मैंने बहुत से कहानियां पढ़ी जिसकी वजह से मेरे दिमाग में भी चुदाई का भूत सवार होने लगा। कॉलेज में मुझे एक लड़की बहुत पसंद थी उसका नाम कोमल था। मैं हमेशा उसको देखते हुए उसके बारे में सोचता था अगर ये मुझे मिल जाये तो मज़ा आ जाये। मैं उकी चूची और उसके चहरे का दीवाना था क्योकि वो बहुत ही हॉट और सेक्सी थी। उसके बारे में सोच कर ही मेरा लंड खड़ा हो जाता था। एक दिन मैंने उसको प्रपोस कर दिया और उसने मुझे एक थप्पड़ मर कर मुझसे कहा – तुम्हे क्या लगता है तुम स्मार्ट हो तो कोई भी तुमसे पट जायेगा। ऐसा मत सोचो मैं केवल उसी लड़के से प्यार करुंगी जो मुझसे स्मार्ट होगा।
उस दिन के बाद मैंने किसी भी लड़की से बात भी नही की क्योकि मैंने सोच लिया था की सारी लडकियां एक जैसी होती है। लेकिन मैंने अपने मचलते हुए दिमाग को नही रोक पा रहा था। मैं चुदाई की कहानियां पढ़ पढ़ कर मुठ मारा करता था।
दोस्तों कुछ महीने पहले की बात है मेरी छुट्टियाँ चल रही थी। और मैं हमेशा अपने घर के ऊपर वाले कमरे में ही रहता था, मेरे घर के बगल एक घर था जो की दुसरे कास्ट के थे लेकिन मैं उन्हें भैया कहता था। उनकी बीवी बहुत ही हॉट थी। वो थोडा मोती थी लेकिन मुझे मोटे लोग बहुत पसंद है। जब मैं अपने ऊपर वाले कमरे में रहता था तो मैंने खिड़की को खोल देता था जिससे उनका घर दिखता था। भाभी जी को देखने के बाद मेरे अंदर के अरमान बाहर निकालें लगते थे। भाभी भी ऊपर वाले कमरे में ही रहती थी। पहले तो मेरे मन में उनके बारे में कोई भी गन्दी सोच नही थी।
लेकिन एक दिन मैंने अपने कमरे में बैठ हुआ था और मेरी नजर अचानक भाभी के घर पर पड़ी तो मैंने देखा वो नाहा कर आई थी और केवल ब्रा और पैंटी में थी उनको उनको देखने के बाद तो मेरा लंड तो 120 अंश के कोण पर खड़ा हो गया मैं अपने लंड को सहलाते हुए भाभी को देखते हुए मुठ मरने लगा। और फिर मैंने सोचा अगर इनकी चूत मिल जाये तो मज़ा आ जाये। इसलिए मैं रोज वहीँ बैठ कर उनको लाइन देने लगा। कुछ दिन बाद मैंने देखा वो भी अपनी खिड़की के किनारे बैठी रहती है और मुझे देखा करती है। मुझे लगा कि ये मुझे लाइन दे रही है लेकिन मैंने सोचा अगर मैंने कुछ कहा तो हो सकता है दिक्कत हो जाये इसलिए मैंने कुछ दिन और वेट किया। जब मैं कुछ दिन देखता ही रहा तो बगल वाली भाभी ने एक दिन खुद ही मुझे हाथ दिखया और हाथ की उँगलियों से मुझे अपना नंबर बताया। मैंने फोन किया और फिर कहा – कुछ देर बात की और फिर कुछ देर बाद जब मैंने उनसे कहा आपको देख कर लगता है आप मुझे पसंद करती है। तो भाभी ने कहा – तुमसे ये किसने कहा। और हाँ मुझे लगता है तुम मुझे पसंद करते हो दिन भर यही बैठे रहते हो।
मैंने उनसे कहा – आप हो ही इतनी सुंदर की कोई भी आप को पसंद कर लेगा। तो भाभी मुझसे हस्ते हुए- तो इसका मतलब तुम मुझे पसंद करते हो।
फिर उसके बाद मैं बगल वाली भाभी से रोज बातें करने लगा। जब मैं उनसे बातें करता तो मेरा लंड खड़ा रहता। मैं उनसे इतनी गन्दी बातें करता कि उनकी चूत भी गीली हो जाती थी। एक दिन मैंने उनसे कहा – मैं आप के घर आ सकता हूँ जब भैया न रहे तो भाभी ने कहा – हाँ क्यों नही कोई घर पर रहता तो है नही और मैं भी चाहती हूँ कोई मेरे पास आये और मेरे साथ समय बिताये। मैंने उनसे कहा – मेरा मन आप को बिना कपड़ो के देखने का मन कर रहा है मैं आऊ तो आप मेरे सामने बिना कपड़ो के आओगी।
भाभी ने कहा – बहुत शरारती हो तुम कहीं तुम मेरे साथ सेक्स तो नही करना चाहते हो। मैंने उनसे कहा – मन तो कर रहा है लेकिन अगर आप कहेंगी तो नही करूँगा। तो भाभी ने मुझसे कहा – नही मैं तो चाहती ही हूँ की तुम मेरे साथ सेक्स करो।
उनकी बात सुनकर मैं खुश हो गया और मैंने उनसे पूछा – कब आना है आप के घर??
भाभी ने कहा – अगर आज ही आ जाओ मैं तो कब से मचल रही हूँ तुम्हारे लंड को खाने के लिए।
उनकी बात सुनकर मैंने कुछ देर बाद उनके घर गया और मैं सीधे उनके बेडरूम में घुस गया। वहां पहुँचने के बाद पहले तो मैंने भाभी से बहुत देर तक सेक्स भरी प्यारी बातें की और फी कुछ देर बाद जब मैंने अपने मूड में आने लगा तो मैंने अपने हाथ की उंगलियो को भाभी के हाथ जे उंगलियो में फसाते हुए मैंने उनके हाथो को चूमना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद मैंने उनके हाथ को चुमते हुए मैंने उनके हाथ से उनके कंधे की तरफ बढ़ने लगा और कुछ देर बाद मैंने उनके गाल को काटते हुए मैंने उनके होठ को अपने मुह में ले लिया और उनके होठ को मैंने जोश में चुमते हुए मई उनके होठ को पीने लगा। पहले कुछ देर भाभी ने केवल मुझे अपने होठो को पीने दे रही थी लेकिन कुछ देर बाद जब उन्होंने मेरे होठ को पीना शुरू किया तो मुझे होठ पीने का मौका ही नही दे रही थी। तब मुझे पता चला भाभी तो बहुत ही जोशीली है।
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कुछ देर बाद उन्होंने अपनी साडी निकाल कर अपने ब्लाउस और पेटीकोट को भी निकाल दिया और मेरे सामने ब्रा और पैंटी में खड़ी हो गई। उनको देखने के बद मैंने अपने आप को रोक नही पाया और बहभी मैंने बेड पर ही बुला लिया और उनको अपने गोदी में बैठा कर मैंने अपने मुह को उनके ब्रा में लगाकर उनके ब्रा को चूमने लगा और कुछ देर बाद मैंने उनके ब्रा को निकाल दिया और उनकी मुलायम और कमसिन चूची को अपने हाथ से सहलाते हुए उनकी चूची के निप्पल को मैं धीरे धीरे दबाते हुए उनकी चूची को दबाने लगा और कुछ देर बाद मैंने उनकी चूची को तो दोनों हाथो से मसलते हुए खीचने लगा जिससे भाभी सिसकने लगी।
कुछ देर बाद मैंने उनके मम्मी को दबाते हुए पीने लगा। मैं उनके स्तन को जानवर की तरह से पी रहा था ओर उनकी चूची को जोर जोर से दबा भी रहा था। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैं कोई छोटा बच्चा हूँ और मैं दूध पी रहा हूँ। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था भाभी के दूध को पी कर और उनकी भी काफी मज़ा आ रहा था।
बहुत देर तक उनकी चूची को पीने के बाद मैंने उनकी कमर को पीते हुए उनकी चूत की तरफ बढ़ने लगा और और उनकी नाभि को पीते हुए मैं भाभी की चूत तक पहुँच गया। मैंने उनकी पैंटी को के ऊपर से उनकी चूत स्पर्श करते हुए उनकी चूत का मज़ा ले रहा था। फिर मैंने उनकी चूत को देखने के लिए मैंने जल्दी से उनकी पैंटी को निकाल दिया और फिर उनकी चूत को बड़े प्यार से छूने लगा क्योकि मैंने इससे पहले कभी भी रियल में चूत नही देखा था।
कुछ देर उनकी चूत को छूने के बाद मैंने अपने लंड को निकाला और फिर उनकी चूत में लगाने लगा और मैंने उनको चोदने वाला था उससे पहले ही उन्होंने मुझसे कहा – इतनी भी क्या जल्दी है पहले मुझे अपने लंड को चुसाओ। तो मैंने उनसे कहा – भाभी मैं आज बहुत जोश में हूँ मुझे मत रोको आज मुझे पहले चुदाई करने दीजिये बाद मैंने मैं आप को अपने लंड को चूसा दूंगा। भाभी मेरी बात मान गई और मुझसे चोदने के लिये कहा।
मैंने अपने लंड को भाभी की चूत में लगाकर पहले धीरे से डरते हुए अपने लंड को उनकी चूत में डाल दिया और फिर मैंने उनको चोदना शूरू किया। कुछ देर धीरे धीरे चोदने से भाभी ने कहा – ये कैसे चुदाई कर हरे हो तुम मुझे तो जरा भी मज़ा नही आ रहा है। उनकी बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया और मैंने उसकी जोश में उनकी चुदाई करनी शुरू की। कुछ देर लगातार चोदने से भाभी की चूत कुछ देर में गीली हो गई और मैंने लंड को भी चिकना कर दिया जिससे मेरे लंड भाभी की चूत के अंदर सट …सट सट….. अंदर बाहर होने लगा था और मुझे उनकी चुदाई करने में मज़ा भी आने लगा था। लेकिन जब कुछ देर बाद मैं उनकी चुदाई को गंभीरता से उनकी चूत को चोदते हुए अपने लंड को बार बार उनकी चूत में दाल रहा था और निकाल रहा था जिससे भाभी की चूत फ़ैल जाती और जब मेरा लंड बाहर निकालता तो फिर से सिकुड़ जाती थी जिससे भाभी पहले धीरे धीरे सिसकने लगी थी लेकिन कुछ देर बाद जब मैंने उनकी चुदाई तूफान की तरह से करने लगा तो भाभी अपनि चूची को दबाते हुए जोर जोर से …. “…..मम्मी…..मम्मी……उंह उंह उंह ह…. हूँ…..मम्मी…..मम्मी … हा हा हा… ओ हो हो…. आ.. आऊ…हमममम अहह्ह्ह्हह….. ..ओह्ह्ह्हह्ह….अई…अई….अई..अई…मम्मी… आराम से आराम से चोदो ना मेरी चूत फटी जा रही है….कह कर चीखने लगी थी। लेकिन मैं अपनी पहली चुदाई की आग में भाभी की चूत को फाड़ते हुए उन्ह्की चुदाई कर रहा था। लेकिन कुछ ही देर में मैं झड़ने वाला था इसलिए मैंने जल्दी से उनकी चूत से पाने लंड को निकाल लिया और उनके पेट की तरफ अपने लंड को करके मुठ मरने लगा और कुच देर बाद मैंने अपने माल को भाभी के पेट पर गिरा दिया।
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